Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2016 · 1 min read

आप में हे क्या आप खुद् बेखबर हैं

आपकी सादगी ही आपका हुनर है
आपके ख्याल ही आपकी नज़र है
**************************
यूं न इतराईये कामयाबी पे जनाब
चार दिन की चाँदनी न कोई सहर है
**************************
चढ़के सर बोलती है कामयाबी यहाँ
है ये मीठा मगर ये तीखा जहर है
***************************
मिलिये इक बार ख़ुद से भी ज़नाब
आप में है क्या आप ख़ुद बेखबर है
***************************
करिये न ऐतबार यूं ही कपिल कभी
ऐतबार भी आज ख़ुद इक खबर है
***************************
कपिल कुमार
31/08/2016

1 Like · 2 Comments · 313 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
We make Challenges easy and
We make Challenges easy and
Bhupendra Rawat
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
शिक्षा एवं धर्म
शिक्षा एवं धर्म
Abhineet Mittal
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
मैं भूत हूँ, भविष्य हूँ,
Harminder Kaur
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
*इस वसंत में मौन तोड़कर, आओ मन से गीत लिखें (गीत)*
Ravi Prakash
समान आचार संहिता
समान आचार संहिता
Bodhisatva kastooriya
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
अब तो ऐसा कोई दिया जलाया जाये....
shabina. Naaz
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
20. सादा
20. सादा
Rajeev Dutta
ज़िंदगी एक जाम है
ज़िंदगी एक जाम है
Shekhar Chandra Mitra
गणतंत्रता दिवस
गणतंत्रता दिवस
Surya Barman
"आँखें"
Dr. Kishan tandon kranti
मौज में आकर तू देता,
मौज में आकर तू देता,
Satish Srijan
सागर
सागर
नूरफातिमा खातून नूरी
हीर मात्रिक छंद
हीर मात्रिक छंद
Subhash Singhai
पहला प्यार
पहला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
बुदबुदा कर तो देखो
बुदबुदा कर तो देखो
Mahender Singh
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
पेड़ काट निर्मित किए, घुटन भरे बहु भौन।
विमला महरिया मौज
अस्तित्व पर अपने अधिकार
अस्तित्व पर अपने अधिकार
Dr fauzia Naseem shad
****माता रानी आई ****
****माता रानी आई ****
Kavita Chouhan
एक प्रभावी वक्ता को
एक प्रभावी वक्ता को
*Author प्रणय प्रभात*
कान्हा मन किससे कहे, अपने ग़म की बात ।
कान्हा मन किससे कहे, अपने ग़म की बात ।
Suryakant Dwivedi
दुर्योधन को चेतावनी
दुर्योधन को चेतावनी
SHAILESH MOHAN
3089.*पूर्णिका*
3089.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
💐प्रेम कौतुक-295💐
💐प्रेम कौतुक-295💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
बारिश की मस्ती
बारिश की मस्ती
Shaily
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
आजकल के बच्चे घर के अंदर इमोशनली बहुत अकेले होते हैं। माता-प
पूर्वार्थ
प्राणदायिनी वृक्ष
प्राणदायिनी वृक्ष
AMRESH KUMAR VERMA
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
एक पल में जिंदगी तू क्या से क्या बना दिया।
Phool gufran
"The Deity in Red"
Manisha Manjari
Loading...