आप जब भी करीब होते हैं।
गज़ल
2122….1212….22
आप जब भी करीब होते हैं।
हमको सब खुश नसीब कहते हैं।
ख्वाब में आप आ भी जाएं तो,
ऐसा लगता है आप मिलते हैं।
ज़ख़्म अपने छुपा के लोगों से,
गैर के ज़ख्म आप सिलते हैं।
प्यार जो मुफलिसों को हैं करते,
खुद ब खुद दिल में उतर जाते हैं।
सोचते हैं नहा के गंगा में
पाप गंगा में बहा देते हैं।
बाल जिनके न सिर पे बचपन से,
दिन में छै बार कंघी करते हैं।
बन के प्रेमी जमाने वालों के,
प्रेम लेते हैं प्रेम देते हैं।
……..✍️ प्रेमी