आपका स्नेह मिलता रहे
**मेरी चार सो वी प्रस्तुति**
साहित्य पीडिया मंच के समस्त पाठक लेखक कवि मित्रो
को प्रणाम ।
पिछले छह माह से इस मंच से जुड़कर आज अपनी चार सौ वी प्रस्तुति दे रहा हूं।
**आपका स्नेह मिलता रहे।**
अभिरुचि लेखन में मेरी,
लिखता हूं अविराम।
काव्य साधना,करूं आराधना,
कर्म में कैसा विराम।।
चिंतन की वेदी पर बैठा,
भारत मां का मै भी बेटा।
चाहता हूं रचनाएं मेरी,
आए किसी के काम।।
सद विचार यदि मेरे
भाए किसी को,
यही मेरा ईनाम।।
मिलता रहे स्नेह सभी का।
दिल न दुखाऊं कभी किसी का।
इससे बड़ा न मेरे लिए है कोई दाम।।।
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**आपका अपना**
राजेश व्यास अनुनय