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10 Aug 2016 · 1 min read

आन लाइन है

मुहब्बत आन लाइन है इनायत आन लाइन है
चलो गूगल पे देखें हर ज़रूरत आन लाइन है

हमारे मसअले का हल तुम्हारे पास क्या होगा
हमारी हर घड़ी रब से रफ़ाक़त आन लाइन है

हिकायत की तरफ मायल हुई जाती है क्यूं दुनिया
जब उसके सामने सारी हक़ीक़त आन लाइन है

हरइक चेहरे की शादाबी करे उल्फ़त की अक्कासी
किसी तस्वीर को देखो नेज़ाकत आन लाइन है

कहॉ वो दोस्ती का हाथ अब कोई बढाता है
जिधर भी देखिये बुग्ज़ो अदावत आन लाइन है

वो पढलिख कर सबक़ ईन्सानियत का भूल बैठे हैं
हमारे दौर मे अब भी जेहालत आन लाइन है

सियासत मालो ज़र के वास्ते अब कुछ भी कर लेगी
ये क़त्लो ख़ूँ अमानत मे ख्यानत आन लाइन है

उजड़ती जा रहीं हैं दिल की सारी बस्तियॉ आज़म
क़यामत से ही पहले इक क़यामत आन लाइन है

1 Like · 1 Comment · 439 Views
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