आदि भवानी
श्वेताम्बरा शुभ्र सत्त्वस्वरूपा,
वरदहस्त सौभाग्य दाती भवानी।
त्रिशूल धारें डमरू निनादम्
वृषभपृष्ठ राजित सुमंगल शिवानी।।
महागौरी अष्टम दिवस पूजिता माँ,
सुशोभित कुसुम कुन्दवत अम्बिका।
कर्पूरगौरं की अर्द्धांगिनी माँ,
महाश्वेता शुभ नाम जगदम्बिका।।
दिव्याभरणभूषिता शुभ्र सात्विक,
भरो सत्त्वगुण उर करूँ ध्यान माता।
तिहारो शरण सत्य जग स्वप्न है माँ,
सभी की जगदम्ब भाग्यविधाता।।
सदा सौम्यरूपं जयं देहि अम्बे,
हृदय सत्त्वगुण से प्रकाशित रहे माँ।
सदा भावपुष्पं समर्पित करूँ माँ,
सुयशगान रसना में जापित रहे माँ।।
डा.मीना कौशल
प्रियदर्शिनी