Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2022 · 1 min read

आदत

****** आदत ******
*** 1222 1222 ***

हमें तेरी हुई आदत,
सुधरती भी नहीं आदत।

सहा हमने तुझे हर दम,
बिगड़ती ही गई आदत।

दुखाती दिल बहुत मेरा,
बुरी लगती वही आदत।

मिले हो तुम हुए पागल,
महंगी थी पड़ी आदत।

नहीं देखी कहीं ऐसी,
कहाँ से है मिली आदत।

कहूँ कैसे मरज दिल की,
विचारों से घिरी आदत।

न मनसीरत भुला पाया,
बहुत प्यारी लगी आदत।
*******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
152 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
मुझे मिले हैं जो रहमत उसी की वो जाने।
सत्य कुमार प्रेमी
गजब है उनकी सादगी
गजब है उनकी सादगी
sushil sarna
भ्रष्टाचार
भ्रष्टाचार
Juhi Grover
मोबाइल
मोबाइल
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
लट्टू हैं अंग्रेज पर, भाती गोरी मेम (कुंडलिया)
लट्टू हैं अंग्रेज पर, भाती गोरी मेम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
हाथ जिनकी तरफ बढ़ाते हैं
Phool gufran
नायाब तोहफा
नायाब तोहफा
Satish Srijan
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
"लेकिन"
Dr. Kishan tandon kranti
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
भक्त मार्ग और ज्ञान मार्ग
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
हाथ पताका, अंबर छू लूँ।
संजय कुमार संजू
2824. *पूर्णिका*
2824. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्यारी सी चिड़िया
प्यारी सी चिड़िया
Dr. Mulla Adam Ali
मानसिक तनाव
मानसिक तनाव
Sunil Maheshwari
*मनायेंगे स्वतंत्रता दिवस*
*मनायेंगे स्वतंत्रता दिवस*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
#सन्डे_इज_फण्डे
#सन्डे_इज_फण्डे
*प्रणय प्रभात*
मे कोई समस्या नहीं जिसका
मे कोई समस्या नहीं जिसका
Ranjeet kumar patre
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
फकत है तमन्ना इतनी।
फकत है तमन्ना इतनी।
Taj Mohammad
कब मैंने चाहा सजन
कब मैंने चाहा सजन
लक्ष्मी सिंह
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
मिलने को उनसे दिल तो बहुत है बेताब मेरा
gurudeenverma198
लिखना है मुझे वह सब कुछ
लिखना है मुझे वह सब कुछ
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
*खुशबू*
*खुशबू*
Shashi kala vyas
भ्रमन टोली ।
भ्रमन टोली ।
Nishant prakhar
साथ
साथ
Neeraj Agarwal
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
‘लोक कवि रामचरन गुप्त’ के 6 यथार्थवादी ‘लोकगीत’
कवि रमेशराज
देश भक्ति का ढोंग
देश भक्ति का ढोंग
बिमल तिवारी “आत्मबोध”
फ़र्क
फ़र्क
Dr. Pradeep Kumar Sharma
यहाँ प्रयाग न गंगासागर,
यहाँ प्रयाग न गंगासागर,
Anil chobisa
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
यूँ जो तुम लोगो के हिसाब से खुद को बदल रहे हो,
पूर्वार्थ
Loading...