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8 Jul 2024 · 1 min read

आत्मा नित्य अखंड है, जहाँ नहीं कुछ भेद।

आत्मा नित्य अखंड है, जहाँ नहीं कुछ भेद।
भेद दृष्टि जिसने किया, मिला उसे ही खेद।।
डा. सुनीता सिंह’सुधा’
8/7/2024

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