संकल्प
क्या जीत ? क्या हार ?
समय से बंधा सारा संसार ,
किसी दिन जीत है तो
किसी दिन हार ,
सब नियति का चक्र है, कर मत
अधिक विचार,
तेरी लगन ही तुझे निराशा सागर से
पार लगाएगी ,
तेरे दृढ़संकल्प से ही
विजय पताका फहराएगी ,
अपने ध्येय से अडिग तू कर्मपथ पर
बढ़ता चल ,
आशा की ज्योति जगाए तेरा आत्मविश्वास
हो अटल ,
सकारात्मक सोच से करता रहे
तू सतत् प्रयास ,
तब सफलता के क्षितिज से निश्चित
उदित होगा
तेरे भाग्य का प्रकाश !