Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Mar 2024 · 1 min read

संकल्प

क्या जीत ? क्या हार ?
समय से बंधा सारा संसार ,

किसी दिन जीत है तो
किसी दिन हार ,
सब नियति का चक्र है, कर मत
अधिक विचार,

तेरी लगन ही तुझे निराशा सागर से
पार लगाएगी ,
तेरे दृढ़संकल्प से ही
विजय पताका फहराएगी ,

अपने ध्येय से अडिग तू कर्मपथ पर
बढ़ता चल ,
आशा की ज्योति जगाए तेरा आत्मविश्वास
हो अटल ,

सकारात्मक सोच से करता रहे
तू सतत् प्रयास ,
तब सफलता के क्षितिज से निश्चित
उदित होगा
तेरे भाग्य का प्रकाश !

3 Likes · 125 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Shyam Sundar Subramanian
View all
You may also like:
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
आज पुराने ख़त का, संदूक में द़ीद़ार होता है,
SPK Sachin Lodhi
तेरे दिल की आवाज़ को हम धड़कनों में छुपा लेंगे।
तेरे दिल की आवाज़ को हम धड़कनों में छुपा लेंगे।
Phool gufran
समय
समय
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
महफ़िल मे किसी ने नाम लिया वर्ल्ड कप का,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
A daughter's reply
A daughter's reply
Bidyadhar Mantry
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
हाय वो बचपन कहाँ खो गया
VINOD CHAUHAN
मजदूर दिवस पर एक रचना
मजदूर दिवस पर एक रचना
sushil sarna
2925.*पूर्णिका*
2925.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
किताब
किताब
Sûrëkhâ
BJ88 - Nhà cái
BJ88 - Nhà cái
BJ88 - Nhà cái
अलविदा
अलविदा
Dr fauzia Naseem shad
जैसे कि हर रास्तों पर परेशानियां होती हैं
जैसे कि हर रास्तों पर परेशानियां होती हैं
Sangeeta Beniwal
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
गरीबों की शिकायत लाजमी है। अभी भी दूर उनसे रोशनी है। ❤️ अपना अपना सिर्फ करना। बताओ यह भी कोई जिंदगी है। ❤️
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
शीर्षक:-आप ही बदल गए।
शीर्षक:-आप ही बदल गए।
Pratibha Pandey
राम आए हैं भाई रे
राम आए हैं भाई रे
Harinarayan Tanha
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
*सत्पथ पर सबको चलने की, दिशा बतातीं अम्मा जी🍃🍃🍃 (श्रीमती उषा
Ravi Prakash
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
हां मैं ईश्वर हूँ ( मातृ दिवस )
Raju Gajbhiye
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लघुकथा कहानी
लघुकथा कहानी
Harminder Kaur
What is FAMILY?
What is FAMILY?
पूर्वार्थ
पहली बारिश मेरे शहर की-
पहली बारिश मेरे शहर की-
Dr Mukesh 'Aseemit'
दुश्मन कहां है?
दुश्मन कहां है?
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
गर्म साँसें,जल रहा मन / (गर्मी का नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
"यक्ष प्रश्न है पूछता, धर्मराज है मौन।
*प्रणय*
"यही जीवन है"
Dr. Kishan tandon kranti
हमको नहीं गम कुछ भी
हमको नहीं गम कुछ भी
gurudeenverma198
आइये हम ये विचार करें
आइये हम ये विचार करें
Dr.Pratibha Prakash
खो गईं।
खो गईं।
Roshni Sharma
विचलित लोग
विचलित लोग
Mahender Singh
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...