Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jun 2019 · 1 min read

आत्मनिर्भर (संक्षिप्त कहानी)

जिंदगी की विषम परिस्थितियों में मेरे सामने ऐसा दौर आया कि स्वयं के बेहतर स्वास्थ्य, बच्चों की उच्च-स्तरीय शिक्षा और परिवार की खुशहाली के लिए नौकरी छोड़ी, पल भर में कमाई का जरिया मुझसे छूट गया । इस मेरी कमाई से मिले आत्मनिर्भरता के सुकून को भला मैं कैसे भूल सकती हूं ? जिसकी सहायता से मेरे पति ने प्यारा आशियाना बनाया, बच्चों को अच्छे विश्वविद्यालय में शिक्षा दिलवाई, ताकि वे आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकें, वे कहते हैं, यही तो अपनी कमाई असली पहचान है ।

लेकिन मेरा अतीत अब परे रहकर पुनः साहित्य पीड़िया परिवार के साथ मैं शनैःशनैः नयी पहचान बनाते हुए आत्मनिर्भर बन रही हूं ।

Language: Hindi
3 Likes · 605 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Aarti Ayachit
View all
You may also like:
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
दुनिया में तरह -तरह के लोग मिलेंगे,
Anamika Tiwari 'annpurna '
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
कभी कभी किसी व्यक्ति(( इंसान))से इतना लगाव हो जाता है
Rituraj shivem verma
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
ग़ज़ल _ शबनमी अश्क़ 💦💦
Neelofar Khan
नाकामयाबी
नाकामयाबी
भरत कुमार सोलंकी
......... ढेरा.......
......... ढेरा.......
Naushaba Suriya
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
गुजर गई कैसे यह जिंदगी, हुआ नहीं कुछ अहसास हमको
gurudeenverma198
न तो कोई अपने मौत को दासी बना सकता है और न ही आत्मा को, जीवन
न तो कोई अपने मौत को दासी बना सकता है और न ही आत्मा को, जीवन
Rj Anand Prajapati
नशा
नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*जाता देखा शीत तो, फागुन हुआ निहाल (कुंडलिया)*
*जाता देखा शीत तो, फागुन हुआ निहाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
शीर्षक – फूलों के सतरंगी आंचल तले,
Sonam Puneet Dubey
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
आज कल ब्रेकअप कितनी आसानी से हो रहे है
पूर्वार्थ
बुंदेली दोहे- नतैत (रिश्तेदार)
बुंदेली दोहे- नतैत (रिश्तेदार)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
आकाश भर उजाला,मुट्ठी भरे सितारे
आकाश भर उजाला,मुट्ठी भरे सितारे
Shweta Soni
अब भी देश में ईमानदार हैं
अब भी देश में ईमानदार हैं
Dhirendra Singh
आप में आपका
आप में आपका
Dr fauzia Naseem shad
"याद रखें"
Dr. Kishan tandon kranti
चाँद और इन्सान
चाँद और इन्सान
Kanchan Khanna
ଅହଙ୍କାର
ଅହଙ୍କାର
Bidyadhar Mantry
भक्ति गीत
भक्ति गीत
Arghyadeep Chakraborty
शैलजा छंद
शैलजा छंद
Subhash Singhai
शब का आँचल है मेरे दिल की दुआएँ,
शब का आँचल है मेरे दिल की दुआएँ,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सपनों का राजकुमार
सपनों का राजकुमार
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*ਮਾੜੀ ਹੁੰਦੀ ਨੀ ਸ਼ਰਾਬ*
*ਮਾੜੀ ਹੁੰਦੀ ਨੀ ਸ਼ਰਾਬ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
जिम्मेदारी कौन तय करेगा
Mahender Singh
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
Surinder blackpen
👌आभार👌
👌आभार👌
*प्रणय*
संसाधन का दोहन
संसाधन का दोहन
Buddha Prakash
ग्रीष्म ऋतु --
ग्रीष्म ऋतु --
Seema Garg
3665.💐 *पूर्णिका* 💐
3665.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...