आज हैं हम
आज हैं हम …
========
आज हैं हम।
दूर है ग़म।।
ज़िन्दगी को,
क्या मिला कम।
आँखें क्यूँ है
यार के नम।
रात भर तुम
ले यहां दम।
दूर कर दो,
आज ये ग़म।
बारिशों में
भीग जा तन।
ज़ुल्फ में है,
क्यूँ तेरे खम।
©कुमार ठाकुर
10.09.2017
आज हैं हम …
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आज हैं हम।
दूर है ग़म।।
ज़िन्दगी को,
क्या मिला कम।
आँखें क्यूँ है
यार के नम।
रात भर तुम
ले यहां दम।
दूर कर दो,
आज ये ग़म।
बारिशों में
भीग जा तन।
ज़ुल्फ में है,
क्यूँ तेरे खम।
©कुमार ठाकुर
10.09.2017