आज ही का वो दिन था….
आज भी याद है मुझे!
हुआ जो था आज से कुछ सालों पहले!
आज ही का वो दिन था,
जब मैंने पहली बार अपनी मम्मी को रोते हुए देखा था!
आज ही का वो दिन था ,
जब मेरे सामने मेरे नाना आँगन में कफ़न ओढ़ कर सो रहें थें !
आज ही का वो दिन था ,
जब मेरी नानी के चेहरे पर मैंने उदासी और आँखों में आंसू देखें थें !
आज ही का वो दिन था ,
जब मेरे सामने कोई मृत लेटा हुआ था !
आज ही का वो दिन था ,
जब वो दृश्य देखकर मेरे पैर कांपें थें !
आज ही का वो दिन था ,
मैंने उन्हें दुनिया से अलविदा होते हुए तो नहीं देखा ,
लेकिन दुनिया से जाने के बाद , सफ़ेद चादर में आराम से सोते हुए देखा था !
आज ही का तो वो दिन था !!!
✍️सृष्टि बंसल