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30 Mar 2022 · 1 min read

आज विदा की वेला में

आज विदा की वेला में,मन पंछी उड़ उड़ जाए
वीते हुए दिनों की यादें,दिल को रहीं सताए
कितना अच्छा था समय,जब हम युवा उम्र में आए थे
कितनी सखी सहेली साथी संगी,सफर में हमने पाए थे
आज विदा की वेला में, याद सभी की आए
कितना अच्छा था वो समय,भूले नहीं भुलाए
बड़ी चमक थी चहरे में,अंग अंग फुर्तीले धे
सपने गहरे थे आंखों में,केश काले चमकीले थे
जीवन के वो स्वर्णिम पल, अक्सर दिल में आए
संग विताए सुखद दिनों की, यादों में खो जाए
कितना अच्छा था समय,वे दिन कितने सपनीले थे
चाय नाश्ता और फिल्मों के,हम सब कितने दीवाने थे
तीन दशक की प्यारी प्यारी यादें,दिल में रहीं समाए
आज विदा की वेला में,मन पंछी उड़ उड़ जाए
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
Tag: गीत
3 Likes · 2 Comments · 163 Views
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