आज घर माँ हमारे आई है
ज्योत नवरात्र की जलाई है
आज घर माँ हमारे आई है
माँ का दरबार जो लगाया है
फूल दीपों से वो सजाया है
चौकी चाँदी की इक मंगाई है
आज घर माँ हमारे आई है
साड़ी भी लाल लाल पहनाई
लाल बिंदी ललाट पर छाई
लाल चूनर उसे उड़ाई है
आज घर माँ हमारे आई है
नारियल से कलश सजाया है
भोग मेवाओं का लगाया है
हलवा पूरी भी तो बनाई है
आज घर माँ हमारे आई है
हो रहे मंदिरों में भंडारे
लग रहे हर जगह ही जयकारे
ये नौ दिन की बहार पाई है
आज घर माँ हमारे आई है
17-10-2020
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद