आज क्या क्या बदल चुका है
पहले तन ढकने को कपड़े न थे,
फिर भी अपने तन को ढकते थे।
अब तन ढकने के लिए कपड़े है,
फिर भी तन को अर्धनग्न रखते हैं।
क्योंकि आज फैशन बदल गया है।।
पहले आने जाने के साधन न थे,
फिर भी लोग मिलने जाया करते थे।
आज साधनों की कोई कमी नही है,
फिर भी लोग मिलने नही जाते है।
क्योंकि लोगो का मूड बदल
Pगया है।।
पहले गांव की बेटी सबको बेटी होती थी,
उसको अपनी ही बेटी सब समझते थे।
पहले पड़ोस की बेटी काफी सुरक्षित थी,
अब तो पड़ोस की बेटी भी असुरक्षित है।
क्योंकि आज चाल चलन बदल गया है।।
पहले लोग एक दूजे को जानते थे,
एक दूजे के घर को सब पहचानते थे।
आज कोई आगुंतक को किसी को पूछता है,
नीचे वाला कहता ऊपर वाले को न जानते है।
कयोकि जान पहचान का दायरा बदल गया है।।
पहले खिलौने ज्यादा न मिलते थे,
फिर भी बच्चे आपस में खेलते थे।
आज खिलौने काफी मिलते है,
पर बच्चे खेलने को न मिलते है।
क्योंकि खेलने वाले बदल गए है।।
पहले बुजरगो का हाल चाल पूछते थे,
उनको परिवार का सदस्य समझते थे।
आज तो मां बाप को भी न पूछते है,
बूढ़ा होने पर उन्हें आश्रम भेज देते है।
क्योंकि आज समाज बदल गया है।।
पहले गाय व कुत्ते को भी रोटी देते थे
उनको पहली रोटी निकाला करते थे।
आज तो मां बाप को न रोटी देते है,
वे बेचारे रात को भूखे सो जाते है।
क्योंकि वे परिवार के सदस्य न होते है।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम