Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

आज की हकीकत

सच को दबाकर झूठ को उछाला जा रहा है,
ये वो दौर है जब रावण को भी राम बनाया जा रहा है,

एक चेहरे के पीछे दस चहरों को छिपाया जा रहा है,
हर जगह बस एक ही चेहरा दिखाया जा रहा है,

अब समाज नहीं बाजार हो गयी है ये दुनियाँ,
इंसानों के साथ जमीर का भी सौदा किया जा रहा है,

कब खिसक जाए जमीन पैरों के नीचे की पता नहीं,
जहाँ खड़े हैं उसी जमीन को पहले खोदा जा रहा है,

प्यार का नक़ाब पहनकर हर आस्तीन में साँप बैठे हैं,
जो डस रहे हैं, उन्हीं के द्वारा हाल-चाल पूछा जा रहा है,

कुछ पुरानी रिवायतों ने संभाल रखा है दुनियाँ को,
वरना इंसान तो इंसान को ही खाए जा रहा है,

खून के रिश्तों में बस खून का लाल रंग ही बाकी है,
वरना माता-पिता के द्वारा दुश्मन पैदा किया जा रहा है,

इंसान का घमंड इस कदर बढ़ गया है देखो,
राम ने संसार बनाया राम को ही लाने का प्रचार किया जा रहा है।।
prAstya……(प्रशांत सोलंकी)

Language: Hindi
2 Likes · 150 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
View all
You may also like:
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
ଆତ୍ମବିଶ୍ୱାସ ସହ ବଞ୍ଚନ୍ତୁ
ଆତ୍ମବିଶ୍ୱାସ ସହ ବଞ୍ଚନ୍ତୁ
Otteri Selvakumar
* धीरे धीरे *
* धीरे धीरे *
surenderpal vaidya
जातिवाद का भूत
जातिवाद का भूत
मधुसूदन गौतम
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
*शिक्षक*
*शिक्षक*
Dushyant Kumar
गये ज़माने की यादें
गये ज़माने की यादें
Shaily
कितनी उम्मीदें
कितनी उम्मीदें
Dr fauzia Naseem shad
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
सर्दियों का मौसम - खुशगवार नहीं है
Atul "Krishn"
"दिमागी गुलामी"
Dr. Kishan tandon kranti
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
आत्मीयकरण-2 +रमेशराज
कवि रमेशराज
हम भी तो देखे
हम भी तो देखे
हिमांशु Kulshrestha
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Dr. Harvinder Singh Bakshi
3931.💐 *पूर्णिका* 💐
3931.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*दिन-दूनी निशि चौगुनी, रिश्वत भरी बयार* *(कुंडलिया)*
*दिन-दूनी निशि चौगुनी, रिश्वत भरी बयार* *(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
आर्या कंपटीशन कोचिंग क्लासेज केदलीपुर ईरनी रोड ठेकमा आजमगढ़
Rj Anand Prajapati
◆in advance◆
◆in advance◆
*प्रणय*
शीर्षक – निर्णय
शीर्षक – निर्णय
Sonam Puneet Dubey
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
"पारदर्शिता की अवहेलना"
DrLakshman Jha Parimal
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
आज 31 दिसंबर 2023 साल का अंतिम दिन है।ढूंढ रहा हूं खुद को कि
पूर्वार्थ
आधार छंद - बिहारी छंद
आधार छंद - बिहारी छंद
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
माॅ
माॅ
Santosh Shrivastava
इस धरती के आगे
इस धरती के आगे
Chitra Bisht
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
Sunil Gupta
*नुक्कड़ की चाय*
*नुक्कड़ की चाय*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ऐ!दर्द
ऐ!दर्द
Satish Srijan
ना वह हवा ना पानी है अब
ना वह हवा ना पानी है अब
VINOD CHAUHAN
माटी की सोंधी महक (नील पदम् के दोहे)
माटी की सोंधी महक (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
Loading...