Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2023 · 1 min read

आज की पीढ़ी

इस नए युग की पीढ़ी को,
मै देख बहुत हूँ चिंतित।
भ्रम नगरी में पलते ये सब,
सत्य भान नहीं किंचित।

यूट्यूब ट्विटर फेसबुक,
इंस्टाग्राम और टिक टॉक।
डूबे रहते ये रात दिन,
बस समय कर रहे खाक।

भीड़ भाड़ में रह न पाएं,
मेहनत से भी जी घबराये।
इंटरनेट पर आते ही बस,
इनकी जान में जान आये।

वंहा पर ये सब महापुरुष हैं,
कुछ भी कह दो कर सकते हैं।
पर जैसे ही बाहर आये,
एक गिलास भी न भर सकते हैं।

कैसे इनको बतलायें की,
ये भ्रम नगरी एक धोखा है।
जीवन को तुम समझ न पाये,
इसने ही तुमको रोका है।

इंटरनेट से पेट न भरता,
जल और वायु भी न पाओगे।
मृग तृष्णा में फंसोगे ऐसे,
ये जीवन व्यर्थ गवांओगे।

सच्चाई का करो सामना,
प्रकृति का सत्कार करो।
जीवन देने वाली जननी,
उसका कुछ प्रतिकार करो।

करूँ विनय मै तुम लोगों से,
तुम हो आने वाला कल।
प्रकति के संरछण की,
तुमको अब करनी है पहल।

जो तुमने है ठान लिया,
तो चढ़ते जाओगे ये सीढ़ी।
सुन्दर होगा भविष्य तुम्हारा,
उसके तुम भावी पीढ़ी।

Language: Hindi
Tag: Kavita
1 Like · 351 Views
Books from प्रदीप कुमार गुप्ता
View all

You may also like these posts

मंजिल
मंजिल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं और वो
मैं और वो
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
यारा  तुम  बिन गुजारा नही
यारा तुम बिन गुजारा नही
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*Childhood Return*
*Childhood Return*
Veneeta Narula
गामक
गामक
श्रीहर्ष आचार्य
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
चेहरे के पीछे चेहरा और उस चेहरे पर भी नकाब है।
सिद्धार्थ गोरखपुरी
स्वतंत्रता
स्वतंत्रता
Shashi Mahajan
ज़िंदगी चाँद सा नहीं करना
ज़िंदगी चाँद सा नहीं करना
Shweta Soni
चचहरा
चचहरा
कुमार अविनाश 'केसर'
सरहद
सरहद
लक्ष्मी सिंह
..
..
*प्रणय*
मैं नहीं तो कोई और सही
मैं नहीं तो कोई और सही
Shekhar Chandra Mitra
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
#भारतीय संस्कृति से गंगा गाय और गायत्री की नालबद्धता
#भारतीय संस्कृति से गंगा गाय और गायत्री की नालबद्धता
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जो क्षण भर में भी न नष्ट हो
जो क्षण भर में भी न नष्ट हो
PRADYUMNA AROTHIYA
अविरल धारा।
अविरल धारा।
Amber Srivastava
हम हिन्दू हैं
हम हिन्दू हैं
Pooja Singh
"मोहब्बत में"
Dr. Kishan tandon kranti
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
मैं रुक गया जो राह में तो मंजिल की गलती क्या?
पूर्वार्थ
सब भूल गए भूल जाने दो
सब भूल गए भूल जाने दो
Ranjeet kumar patre
भाव और ऊर्जा
भाव और ऊर्जा
कवि रमेशराज
कुछ पल
कुछ पल
Mahender Singh
कुंडलिया
कुंडलिया
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
राजा साहब आपके जाने से…
राजा साहब आपके जाने से…
सुशील भारती
धनपत राय
धनपत राय
MUSKAAN YADAV
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
एक चिंगारी ही काफी है शहर को जलाने के लिए
डॉ. दीपक बवेजा
वह भलामानस / मुसाफिर बैठा
वह भलामानस / मुसाफिर बैठा
Dr MusafiR BaithA
3915.💐 *पूर्णिका* 💐
3915.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
काम क्रोध मद लोभ के,
काम क्रोध मद लोभ के,
sushil sarna
रिश्ता कमज़ोर
रिश्ता कमज़ोर
Dr fauzia Naseem shad
Loading...