आज की नारी
आज की नारी इतनी कमजोर नही जो झुक जायेगी।
करो चाहे पुरजोर जतन तुम, नही वो रुक पायेगी।
दिल की सुंदरता कहाँ तेजाब से खत्म हो पायेगी।
शक्ति रूप है , नारी नही मोंम जो पिघल जायेगी।
बंद करो तुम अब जिस्मो का व्यापार चलाना।
नारी कोई वस्तु नही जो बाजार में बिक जायेगी।
कब तक करोगे अब आनाकानी,खत्म करो ये मनमानी।
तस्वीर देश की अब बदलेगी,अब ना नारी जुल्म सहेगी।
कोई निर्भया अब ना मरेगी,प्रचंड रूप चंडी का धरेगी।
दुष्टो के सर की भेंट चढ़ेगी,अब घुँघट की ओट हटेगी।
जा सीमा पर युद्ध लड़ेगी,अब ना नारी कमजोर बनेगी।
उड़ा वायु यान,अब (कल्पना) अंतरिक्ष की सैर करेगी।
कल तक थी जो बंद घरों में,आज संसद का रुख करेगी।
खत्म करो अपनी राजनीति अब नारी तुम पर राज करेगी।
इंदिरा गांधी,प्रतिमासिंह ,कल्पना चावल ,सानिया मिर्जा,
सानिया नेहवाल, गीता बबिता फोगोट भी नारी ही थी।
और कितने नाम सुनोगे,नही कमजोर जो जुल्म सहेगी।।
संध्या चतुर्वेदी
मथुरा, उप