Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Jul 2019 · 1 min read

आज की तरह

आज की तरह

एक था वो समय
जब मानव था
अभावग्रस्त
फिर भी
नहीं होती थी
मारा-मारी
आज की तरह

तब इंसान नहीं थे सभ्य
परन्तु नहीं थे जन्मपूर्व
क्न्या भ्रूणहत्या से
जघन्य अपराध
आज की तरह

नहीं थे उस समय
बहन, बेटी व बूआ से
पाक-पवित्र
रिश्ते-नाते
फिर भी नहीं थे
यौन अपराध
आज की तरह

-विनोद सिल्ला©

Language: Hindi
1 Like · 189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सौभाग्य मिले
सौभाग्य मिले
Pratibha Pandey
First impression is personality,
First impression is personality,
Mahender Singh
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/95.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*हिंदी*
*हिंदी*
Dr. Priya Gupta
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
जाने कैसी इसकी फ़ितरत है
Shweta Soni
*
*"आज फिर जरूरत है तेरी"*
Shashi kala vyas
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
रहे_ ना _रहे _हम सलामत रहे वो,
कृष्णकांत गुर्जर
भूखे भेड़िए
भूखे भेड़िए
Shekhar Chandra Mitra
-- गुरु --
-- गुरु --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
हे ! भाग्य विधाता ,जग के रखवारे ।
Buddha Prakash
हृद्-कामना....
हृद्-कामना....
डॉ.सीमा अग्रवाल
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet Kumar Shukla
💐प्रेम कौतुक-538💐
💐प्रेम कौतुक-538💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
Teri gunehgar hu mai ,
Teri gunehgar hu mai ,
Sakshi Tripathi
ऐ ज़िन्दगी ..
ऐ ज़िन्दगी ..
Dr. Seema Varma
आंखों में तिरी जाना...
आंखों में तिरी जाना...
अरशद रसूल बदायूंनी
प्रेम【लघुकथा】*
प्रेम【लघुकथा】*
Ravi Prakash
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले
इंसान की चाहत है, उसे उड़ने के लिए पर मिले
Satyaveer vaishnav
अंदाज़े बयाँ
अंदाज़े बयाँ
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
छाती
छाती
Dr.Pratibha Prakash
कुछ बातें पुरानी
कुछ बातें पुरानी
PRATIK JANGID
न तोड़ दिल ये हमारा सहा न जाएगा
न तोड़ दिल ये हमारा सहा न जाएगा
Dr Archana Gupta
लोग तो मुझे अच्छे दिनों का राजा कहते हैं,
लोग तो मुझे अच्छे दिनों का राजा कहते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मायड़ भौम रो सुख
मायड़ भौम रो सुख
लक्की सिंह चौहान
हार का पहना हार
हार का पहना हार
Sandeep Pande
ऑनलाइन फ्रेंडशिप
ऑनलाइन फ्रेंडशिप
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नारी
नारी
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
कभी सोच है कि खुद को क्या पसन्द
कभी सोच है कि खुद को क्या पसन्द
पूर्वार्थ
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
Shreedhar
फिर भी तो बाकी है
फिर भी तो बाकी है
gurudeenverma198
Loading...