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5 Jul 2017 · 1 min read

आज का मानव

विधाता ने
कलियुगी मानव की
हृदयभूमि में
पाप के बीज डाले –
पोषक ने अंकुरित पौधे को
स्वार्थ के पानी से सिंचित कर –
मानवता एवं संस्कृति के
ताप से बचाने
नफरत की बाड़ लगाई –
कठिन परिश्रम से सहेजी फसल
यूँ फलीभूत हुई
नास्तिकता, निर्लज्जता एवं पाशविकता से
लदी सजी ।

Language: Hindi
1 Like · 259 Views
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