Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Aug 2021 · 1 min read

आज और अतीत

कठिन परिश्रम का
प्रतीक
मंगू मजदूर
प्रति दिन
अपने परिवार
की भूख के लिए
जेठ की तपती
दोपहरी तक
श्रम करता था
फिर भी
कभी कभी
अपना निवाला
बच्चों को खिलाकर
स्वयं केवल
ठंडा पानी पीकर
टूटी खाट पर
रात्रि भर
भूख के कारण
गगन के तारे
गिनकर
हल्की झपकी के साथ
सोकर
प्रभा की प्रथम वेला मे
उठकर
मुस्कराते हुए
र्कम पथ पर
एक आशा के साथ
चला जाता था|
आशा
निराशा का द्वन्द्व
र्निधनता
तंगी
शोषण
से पोषित
होकर
पेट
सूखे पात की भांति
पीठ मे
मिल गया था
अपरिमित
कष्ट के कारण
डर गया था|
किन्तु
पवित्र आत्मीय
सन्त की
सजगता
ईमानदारी
र्कमठता
राष्ट्र के लिए
कुछ करने
की इच्छा शक्ति
साहस
दृढ़ संकल्प
के कारण
मंगू का
घर अब
अन्न
की अधिकता
के कारण
भर गया
सब कुछ
कुछ बर्षो में ही
बदल गया|
मंगू
गैस पर
अपनी
पत्नी को
रोटी सेंकते
देखता
तब
मन ही मन
फक्कड़ संत को
हजारों आशीर्वाद
देकर
बड़बड़ाकर
अतीत को
कोसता|
रचयिता
रमेश त्रिवेदी
कवि एवं कहानीकार
ग्राम-नरदी, पसगवां, लखीमपुर खीरी उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 754 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*क्रोध की गाज*
*क्रोध की गाज*
Buddha Prakash
"संघर्ष पथ पर डटे रहो"
Ajit Kumar "Karn"
भारत को निपुण बनाओ
भारत को निपुण बनाओ
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
जिसको ढूँढा किए तसव्वुर में
Shweta Soni
अर्थी चली कंगाल की
अर्थी चली कंगाल की
SATPAL CHAUHAN
तुमने सोचा तो होगा,
तुमने सोचा तो होगा,
Rituraj shivem verma
बेचैन थी लहरें समंदर की अभी तूफ़ान से - मीनाक्षी मासूम
बेचैन थी लहरें समंदर की अभी तूफ़ान से - मीनाक्षी मासूम
Meenakshi Masoom
होली की आयी बहार।
होली की आयी बहार।
Anil Mishra Prahari
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
मेरा न कृष्ण है न मेरा कोई राम है
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
खुद को मुर्दा शुमार ना करना ,
खुद को मुर्दा शुमार ना करना ,
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
*बेचारे लेखक का सम्मान (हास्य व्यंग्य)*
*बेचारे लेखक का सम्मान (हास्य व्यंग्य)*
Ravi Prakash
रात-दिन जो लगा रहता
रात-दिन जो लगा रहता
Dhirendra Singh
■ आज का शेर शुभ-रात्रि के साथ।
■ आज का शेर शुभ-रात्रि के साथ।
*प्रणय*
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/241. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
ज़िन्दगी थोड़ी भी है और ज्यादा भी ,,
Neelofar Khan
मूंछ का घमंड
मूंछ का घमंड
Satish Srijan
"लकड़ी"
Dr. Kishan tandon kranti
💐श्री राम भजन💐
💐श्री राम भजन💐
Khaimsingh Saini
इंसानियत
इंसानियत
Sunil Maheshwari
मनभावन होली
मनभावन होली
Anamika Tiwari 'annpurna '
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
जो मेरे लफ्ज़ न समझ पाए,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
जर जमीं धन किसी को तुम्हारा मिले।
सत्य कुमार प्रेमी
अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर ...
अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर ...
डॉ.सीमा अग्रवाल
संसार में
संसार में
Brijpal Singh
तेरी याद आती है
तेरी याद आती है
Akash Yadav
मैं निकल गया तेरी महफिल से
मैं निकल गया तेरी महफिल से
VINOD CHAUHAN
नौकरी
नौकरी
Rajendra Kushwaha
श्रेष्ठ भावना
श्रेष्ठ भावना
Raju Gajbhiye
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
हृदय पुकारे आ रे आ रे , रो रो बुलाती मेघ मल्हारें
Dr.Pratibha Prakash
Loading...