आजा मेरे कृष्ण कन्हैया
रोती रहु मे आँसू बहाके,
आजा मेरे कृष्ण कनहैया
गलियन गलियन फिरू अकेली
पार न लग रई मोरी नैया
ना मधु बन है ना गौचर है
ना है यहाँ पर ताल तलैया
यमुना तीरे मलमा बह रओ
दुखिया तेरी सारी गइया
क्यो हमे छोड गया है यहाँ पर
बिलक रही है तेरी गइया
मारी मारी गलियन गलियन
फिरू अकेली कृष्ण कन्हैया
कृष्णकांत गुर्जर गाडरबारा