*आज़ादी का अमृत महोत्सव*
भारत माँ की शान तिरंगा,
इस मिट्टी की आन तिरंगा,
घर-घर में हम फहराएंगे
सबका है अभिमान तिरंगा।
वीरों का जयगान तिरंगा,
तेरा मेरा मान तिरंगा,
आज़ादी के इस उत्सव का
जैसे हो उन्वान तिरंगा।
प्रगति का अभियान तिरंगा,
हार से है अनजान तिरंगा,
भारत चमकेगा दुनिया में
करता है ऐलान तिरंगा।
आन, बान ‘औ शान तिरंगा,
मज़हब और ईमान तिरंगा
जाति-पाँति के भेद मिटाए
गीता और कुरान तिरंगा।
शक्ति की है खान तिरंगा,
जब लेता है ठान तिरंगा,
बन जाता दुश्मन की ख़ातिर
मृत्यु का सामान तिरंगा।
सदियों का बलिदान तिरंगा,
आज़ादी की जान तिरंगा,
कश्मीर से लेकर कन्या तक
है सारा हिंदुस्तान तिरंगा।