” आजकल “
” आजकल ”
अपने आँसू हम खुद ही पोंछ लेते हैं,
ऐतबार रहा नहीं गमख्वारों पे आजकल।
अन्धेरे को ही अपना हमसफ़र बना लिए
दुहाई भी बेअसर है सितारों पे आजकल।
” आजकल ”
अपने आँसू हम खुद ही पोंछ लेते हैं,
ऐतबार रहा नहीं गमख्वारों पे आजकल।
अन्धेरे को ही अपना हमसफ़र बना लिए
दुहाई भी बेअसर है सितारों पे आजकल।