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28 Jul 2024 · 1 min read

” आजकल “

” आजकल ”
अपने आँसू हम खुद ही पोंछ लेते हैं,
ऐतबार रहा नहीं गमख्वारों पे आजकल।
अन्धेरे को ही अपना हमसफ़र बना लिए
दुहाई भी बेअसर है सितारों पे आजकल।

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