आजकल का प्राणी कितना विचित्र है,
आजकल का प्राणी कितना विचित्र है,
धन-दौलत से तोलता अपने मित्र है।
आज धन भी कितना विचित्र हो गया है,
यह इंसान का सच्चा मित्र हो गया है।
आज कृष्ण से बड़ा पार्थ हो गया है,
सब रिश्तों से बढ़कर स्वार्थ हो गया है।
#दिव्या कुमारी
निवासी :- दिल्ली