आचार संहिता
_आचार संहिता
चुनाव घोषित हो गए
लग चुकी है आचार संहिता,
सारे दल बिलबिला रहे
दलबदल वोट भरण चुपके
पैसें सब खा रहे है,
प्रचार प्रसार बन्द हुआ
चुपके से सभा जमा रहे है,
वोट फोर मी “कह कर
धीमें से शोर मचा रहे है,
प्रलोभन देकर जनता को
कैसै पटा रहै,
अपनी भावी कामों का झांसा देकर
वोट कमा रहे हे,
दंगा ना हो किसी भी तरह से
शांतिपूवर्क शराब मुफ्त में बंटवा रहे है,
चालाक लोग विकास-विस्तार के नाम पर
जनता को मूरख बना रहे है,
कभी नही उन अनुवभी ज्ञानी जन की
वोट का महत्व लोगों को समझा रहे है
आचार संहिता लागू है…
कर्मठ,ईमानदार नेता चुनना
ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहें है।
– सीमा गुप्ता, अलवर (राजस्थान)