Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2023 · 1 min read

“आग्रह”

ध्यान, आग्रह पर, इतना धर दे,
हो तेरा सानिध्य, कभी वर दे।

ओज नया, पर डगर पुरानी,
पथ आलोकित, मेरा तू कर दे।

बाट जोहता, रहता निशि-दिन,
दर्शन दे, निष्ठुरता को तज दे।

वृद्ध वृक्षसा, कमर झुकी सी,
सम्बलमय, कुछ शब्द, कभी कह दे।

भ्रमर-सदृश, मँडराऊँ तुझ पर,
बन गुलाब, गुन्जार अमर कर दे।

गागर खाली, प्रीत पुरानी,
मुझमें सब, अपने ही रँग, भर दे।

डरूँ नहीं, नैराश्य से तनिक,
“आशा”मय, इक गीत, कभी रच दे..!

##———##———##–

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all

You may also like these posts

स्त्री चेतन
स्त्री चेतन
Astuti Kumari
■ चाची 42प का उस्ताद।
■ चाची 42प का उस्ताद।
*प्रणय*
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
अब आदमी के जाने कितने रंग हो गए।
सत्य कुमार प्रेमी
मकरंद
मकरंद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
लौट आओ तो सही
लौट आओ तो सही
मनोज कर्ण
मैं पतंग तू मांजा...
मैं पतंग तू मांजा...
Manisha Wandhare
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
प्रेम की तलाश में सिला नही मिला
इंजी. संजय श्रीवास्तव
दबे पाँव
दबे पाँव
Davina Amar Thakral
तेहि पर चढ़ा रंग गुलाल
तेहि पर चढ़ा रंग गुलाल
PRATHVI SINGH BENIWAL
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
*** आकांक्षा : एक पल्लवित मन...! ***
VEDANTA PATEL
किसी की याद मे आँखे नम होना,
किसी की याद मे आँखे नम होना,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
वृक्ष की संवेदना
वृक्ष की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
महाभारत एक अलग पहलू
महाभारत एक अलग पहलू
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो
कभी हमारे शहर आओ तो मिल लिया करो
PRATIK JANGID
मैं तुम्हें यूँ ही
मैं तुम्हें यूँ ही
हिमांशु Kulshrestha
आत्म विश्लेषण
आत्म विश्लेषण
Bindesh kumar jha
देश की मौत ! (ग़ज़ल)
देश की मौत ! (ग़ज़ल)
SURYA PRAKASH SHARMA
ईश्क में यार ये जुदाई है
ईश्क में यार ये जुदाई है
सुशील भारती
"फुरसतें सबके लिये जुटाई हमनें मग़र.,
पूर्वार्थ
ಬನಾನ ಪೂರಿ
ಬನಾನ ಪೂರಿ
Venkatesh A S
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
दोपहर की धूप
दोपहर की धूप
Nitin Kulkarni
"विरले ही लोग"
Dr. Kishan tandon kranti
राजनीति और समाज सेवा अलग अलग हैं?
राजनीति और समाज सेवा अलग अलग हैं?
Sudhir srivastava
2947.*पूर्णिका*
2947.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हिंदी हमारी मातृभाषा --
हिंदी हमारी मातृभाषा --
Seema Garg
ये जीवन एक तमाशा है
ये जीवन एक तमाशा है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मौत बाटे अटल
मौत बाटे अटल
आकाश महेशपुरी
*क्या हुआ आसमान नहीं है*
*क्या हुआ आसमान नहीं है*
Naushaba Suriya
...,,,,
...,,,,
शेखर सिंह
Loading...