आगे बढ़ने की शुरुआत (१०० शब्दों की कविता)
मंजिल करीब है, एक कदम तो बढ़ाना
थोड़ा वक्त लगेगा, पर चलने से ना घबराना
असफलता मिल सकती है राह में,
मगर फिर भी ना कतराना,
अपने लक्ष्य को पाने की ललक, थोड़ी और जगाना
सफलता की दिशा में उसको, पाने की चाहत बढ़ाते जाना
मंजिल तो मिलनी ही है, बस अपने कर्म करते जाना
गर हो राह कठिन, तो भी जरा ना हिचकिचाना
अपने मन के हौसले बुलंद कर, आगे ही कदम बढ़ाना
भले ही समय लगे, लक्ष्य को सच्चाई से हासिल करना
ईमानदारी का साथ सदा निभाना
ईश्वर पर विश्वास रखना
आगे बढ़ने की शुरुआत को जारी रखना