Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Oct 2021 · 1 min read

” आगुआयल गाम आ पछुआयल शहर “

डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
=====================
शहर –‘ हम कहैत छी
जे हमर शहर आगुआयल अछि
गाम त बुझू पछुआयल अछि !
हम विकसित छी ,सुविधा हमरा
पहिने भेटल
विजली,पानि,सड़क,मकान आ
सब सुबिधा सं संम्पन छी
हम खान-पान मे परहेज करि
हमरा कोनो मतलब नहि आन सं
हम रहैत छी शान सं !!’
………………………..
गाम—‘ गाम सुनि रहल छल
शहरक विवेचना
हम नहि क रहल छी
ककरो आलोचना
हाँ ! हम सब सुख-समृद्धि
सं बंचित छी पर हम समाज सं जुडल छी !
किनको विपदा जे लेशमात्र
कखनो हुनका ज छूबैत छनि
हम सब ग्रामीण मिलजुली कें
हुनकर पीठ पर ठाढ़ छियनी
हम दुःख-सुख मे एकदोसर कें पूरक छी
हम मिलजुल बोझ उठाबैत छी
शोकक क्षण मे यदि ‘भानस’ बंद भेल
ग्रामीण ‘पुछारी ‘ थारी भरि देल
कतबो हम किया न मलिन रहब
सहयोगक भावना नहि मिटा सकब !!
………………………
इ सब सुनि कें निर्णय करय पडत
के आगू अछि के पाछू?
के अपना सं अछि कात-कात
के जुडल वृक्ष सं पात-पात ???????
======================
डॉ लक्ष्मण झा “परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
डॉक्टर’स लेन
दुमका
झारखण्ड
भारत

Language: Maithili
165 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शब्द
शब्द
ओंकार मिश्र
फितरत
फितरत
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
एक दिवस में
एक दिवस में
Shweta Soni
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
......?
......?
शेखर सिंह
क्या रखा है???
क्या रखा है???
Sûrëkhâ Rãthí
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
यादों की महफिल सजी, दर्द हुए गुलजार ।
sushil sarna
" मेरे जीवन का राज है राज "
Dr Meenu Poonia
चाँद
चाँद
लक्ष्मी सिंह
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
निकल गया सो निकल गया
निकल गया सो निकल गया
TARAN VERMA
मैं
मैं
Seema gupta,Alwar
मम्मी थी इसलिए मैं हूँ...!! मम्मी I Miss U😔
मम्मी थी इसलिए मैं हूँ...!! मम्मी I Miss U😔
Ravi Betulwala
इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आएगी
इन तन्हाइयों में तुम्हारी याद आएगी
Ram Krishan Rastogi
किसकी किसकी कैसी फितरत
किसकी किसकी कैसी फितरत
Mukesh Kumar Sonkar
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
कुछ तो बात है मेरे यार में...!
Srishty Bansal
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
दिल के इक कोने में तुम्हारी यादों को महफूज रक्खा है।
शिव प्रताप लोधी
"पृथ्वी"
Dr. Kishan tandon kranti
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
आज़ाद पैदा हुआ आज़ाद था और आज भी आजाद है।मौत के घाट उतार कर
Rj Anand Prajapati
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
"घर की नीम बहुत याद आती है"
Ekta chitrangini
जागो जागो तुम सरकार
जागो जागो तुम सरकार
gurudeenverma198
उसकी ख़ामोश आहें
उसकी ख़ामोश आहें
Dr fauzia Naseem shad
■ सामयिक संदर्भों में...
■ सामयिक संदर्भों में...
*Author प्रणय प्रभात*
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023
विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2023
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मेरे तात !
मेरे तात !
Akash Yadav
नमन!
नमन!
Shriyansh Gupta
शहीदों लाल सलाम
शहीदों लाल सलाम
नेताम आर सी
परिवार
परिवार
Neeraj Agarwal
Loading...