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6 Feb 2024 · 1 min read

आकर्षण मृत्यु का

चाकू की धार में, खंजर की चमकार में, दुधारी करवाल में…
अजीब सी रम्यता होती है

तलवार की झपक में, आग की लपट में, ज़हर की धधक में…
नामालूम सी कशिश होती है,

सागर की गहराइयों में, चोटी की ऊँचाइयों में, फिसलती चट्टानों में…
अज्ञात सा प्रलोभन होता है,

शेर की छलाँग में, साँप की फुफकार में, हाथी की चिंघाड़ में..
विचित्र सा सम्मोहन होता है,

खींचे हुए तीर में, कसी ज़ंजीर में, दरकती शहतीर में…
विलक्षण सा खिंचाव होता है

रस्सी के फंदे में, खूनी दंगे में, सधे तमन्चे में…
उन्मत्त सा लुभाव होता है,

मानसिक उन्माद में, नशे के ख़ुमार में, क्रोध के उबाल में…
अबूझ सा संकर्षण होता है,

डूबते दिल में, उखाड़ती साँस में, जीवन के अवसान में…
अपूर्व सा वशीकरण होता है…

मृत्यु का एक अलग आकर्षण होता है !!!
मृत्यु का एक अलग आकर्षण होता है !!!

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