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19 May 2023 · 1 min read

आओ चलें साधना पथ पर

आओ चलें साधना पथ पर, करें न हम केवल बातें।
दिन सुहावने आते ही हैं, भले दीर्घतर हों रातें।।

इस शरीर रूपी स्यन्दन में, अश्व इन्द्रियों को मानें।
मन की वल्गा बुद्धि सारथी, को पकड़ाने की खानें।।
स्वयं आत्मा रूप से रथी, बनें, लक्ष्य संधान करें।
जीवनमुक्ति लक्ष्य है, इसकी, आओ हम पहचान करें।।

आगे बढ़ते रहें अनवरत, सहकर सांसारिक घातें।
आओ चलें साधना पथ पर, करें न हम केवल बातें।।

हम एकाकी चलें सुपथ पर, देते हुए परीक्षाएं।
किसी सद्गुरू की संगति कर, पार करें भवबाधाएं।।
राम रम रहा है जो जग में, सबके उरपुर का वासी।
कर सकता कल्याण वही यदि, हम हों सच्चे अभिलाषी।।

असली रामायण भीतर है, जहां छिपी हैं सौगातें।
आओ चलें साधना पथ पर, करें न हम केवल बातें।।

भव से पार उतरना है तो, संयम सेतु रचाएं हम।
श्रद्धावान इष्ट के प्रति हों, तत्परता दिखलाएं हम।।
दसकंधर पर विजय के लिए, यत्न करें बन अविकारी।
हर प्रतिकूल परिस्थिति पर हम, पड़ते रहें सदा भारी।।

शीत- ग्रीष्म पर अपना वश हो, अपने वश में बरसातें।
आओ चलें साधना पथ पर, करें न हम केवल बातें।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी

Language: Hindi
Tag: गीत
207 Views
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