*आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)*
आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है (गीत)
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आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है
1
गुनगुन करती धूप गुनगुनी, मंत्रमुग्ध कर जाती
अल्हड़ पवन चल रही मादक, चंचलता भर जाती
इठलाती ज्यों धरा आज, नवनिधि को पाया है
2
मन में है उल्लास, रंग वासंती छटा बिखेरे
चित्रकार ने इंद्रधनुष-से, नूतन चित्र उकेरे
अंग-अंग में थिरकन का, आनंद समाया है
3
हृदय-हृदय से करता बातें, भरे प्रेम की बोली
नाच रही है गली-गली, कलियों-फूलों की टोली
समय साध कर ऋतु ने फिर, त्यौहार मनाया है
आओ गाओ गीत बंधु, मधु फागुन आया है
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451