Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jun 2023 · 1 min read

आइसक्रीम

आइसक्रीम मन को भाती हैं। बचपन की यादों में घुल जाती हैं।

सच तो आइसक्रीम हम सभी को बताती हैं। जीवन के पल मस्त न अफ़सोस करते हैं।

पिघलना मेरे जीवन की फितरत रहती हैं। बस तुम स्वाद ले लेकर मुझे खाते रहना है।

जीवन में मेरी सच्चाई आइसक्रीम कहती हैं। बुढ़े बच्चों नौजवानों को पसंद बहुत आती हैं।

सच आइसक्रीम मन भावों में रहती हैं। जीवन के रंगमंच के सच हमें कहती हैं।

सच आइसक्रीम हम सभी ललचाती हैं। आओ आज आइसक्रीम खाते हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र.

Language: Hindi
118 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
सूरज मेरी उम्मीद का फिर से उभर गया........
shabina. Naaz
शिक्षक हूँ  शिक्षक ही रहूँगा
शिक्षक हूँ शिक्षक ही रहूँगा
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
We Would Be Connected Actually
We Would Be Connected Actually
Manisha Manjari
न जाने क्या ज़माना चाहता है
न जाने क्या ज़माना चाहता है
Dr. Alpana Suhasini
आप और हम
आप और हम
Neeraj Agarwal
कश्ती औऱ जीवन
कश्ती औऱ जीवन
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
*उम्र के पड़ाव पर रिश्तों व समाज की जरूरत*
Anil chobisa
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
क्या सीत्कार से पैदा हुए चीत्कार का नाम हिंदीग़ज़ल है?
कवि रमेशराज
इंसान में नैतिकता
इंसान में नैतिकता
Dr fauzia Naseem shad
"गुमनाम जिन्दगी ”
Pushpraj Anant
छात्रों का विरोध स्वर
छात्रों का विरोध स्वर
Rj Anand Prajapati
बेटियों ने
बेटियों ने
ruby kumari
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
गर भिन्नता स्वीकार ना हो
AJAY AMITABH SUMAN
धैर्य के साथ अगर मन में संतोष का भाव हो तो भीड़ में भी आपके
धैर्य के साथ अगर मन में संतोष का भाव हो तो भीड़ में भी आपके
Paras Nath Jha
विवेकवान मशीन
विवेकवान मशीन
Sandeep Pande
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
कभी अपने लिए खुशियों के गुलदस्ते नहीं चुनते,
Shweta Soni
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
सुनो मोहतरमा..!!
सुनो मोहतरमा..!!
Surya Barman
ईमानदारी की ज़मीन चांद है!
ईमानदारी की ज़मीन चांद है!
Dr MusafiR BaithA
गज़ल (राखी)
गज़ल (राखी)
umesh mehra
ढ़ांचा एक सा
ढ़ांचा एक सा
Pratibha Pandey
हमें याद है ९ बजे रात के बाद एस .टी .डी. बूथ का मंजर ! लम्बी
हमें याद है ९ बजे रात के बाद एस .टी .डी. बूथ का मंजर ! लम्बी
DrLakshman Jha Parimal
पौधरोपण
पौधरोपण
Dr. Pradeep Kumar Sharma
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
शोकहर छंद विधान (शुभांगी)
Subhash Singhai
2910.*पूर्णिका*
2910.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन एक मकान किराए को,
जीवन एक मकान किराए को,
Bodhisatva kastooriya
हवाएँ
हवाएँ
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
"संकल्प-शक्ति"
Dr. Kishan tandon kranti
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
कभी धूप तो कभी बदली नज़र आयी,
Rajesh Kumar Arjun
? ,,,,,,,,?
? ,,,,,,,,?
शेखर सिंह
Loading...