आंसू ना बहने दो
भावों मूल्य के आंसू यू ही ना
बहने दो।
आशा उद्देश्य पथ पथिक
अतीत के कदमो को ना
मिटने दो।
भाव मूल्य के आँसू
यूँ ही ना बहने दो।।
तमस से उजियार जीवन
पल प्रतिपल विश्वास
इच्छा और परीक्षा की
कसौटी व्यर्थ आंसू ना गिरने दो।
भाव मूल्य के आँसू
यूँ ही ना बहने दो।।
दुःख दर्द भावों के उत्सर्ग
हृदय मन भावों में ही
रहने दो।
भाव मूल्य के आँसू
यूँ ही ना बहने दो।।
परतंत्र नही स्वतंत्र नही
कायर कमजोर नही
हृदय में उजियार का
दीपक जलाने दो।
भाव मूल्य के आँसू
यूँ ही ना बहने दो।।
हृदय भाव मे जलते दीपक
इच्छा आधार प्रकाश
इच्छाओं कि साहस शक्ति
सूरज चाँद निखरने दो।
भाव मूल्य के आँसू
यूँ ही ना बहने दो।।
समय काल तो चाल है
समय स्वय की गति चालों के
स्वर शब्द की गूंज प्रेरणा
प्रसंग परिणाम पुरुद्धार पुरुषार्थ
संग साथ ही रहने दो।
भाव मूल्य के आँसू
यूँ ही ना बहने दो।।
यदि अंतर्मन से आये आंसू
तूफान जीवन की परम
परीक्षा काल के धन दौलत
आंसू का अवमूल्यन ना होने दो।
भाव मूल्य के आँसू
यूँ ही ना बहने दो।।
भय भाव को मिटा लुटा
देते व्यक्ति व्यक्तित्व आंसू
स्वयं के युग मे युग का
परिहास ना बनने दो।
भाव मूल्य के आँसू
यूँ ही ना बहने दो।।
माँ बाप भगवान का आशीर्वाद
जीवन के झंझावत स्वय के आँसू
पुरस्कार सम्यक रहने दो।।
भाव मूल्य के आँसू
यूँ ही ना बहने दो।।
नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उत्तर प्रदेश।।