आंखें
आंखें डालकर
आंखों में
कहते हैं
एक बात ख्वाबों में
हकीकत को भी
ख्वाबों का रंग देंगे
खुलने न देंगे
रात की किताब का
अगला पन्ना सुबह का
हो गई वह नम
गर कहीं
भीगी हुई
चाहत के पानी की
बरसातों में।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001