Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Nov 2021 · 1 min read

आँखो की बाते

मै क्यों जग रही हूँ…मुझे नींद क्यों नही आती,
ऐसा कहती अखियाँ…
दोनों आपस में बात कर रही…!
मिलने की है तड़प दोनों को
पर बीच में दीवार आ जाती
‘रो’ ‘रो’ के थक गई….!!
पर मिलना मुमकिन नहीं,
अपनी कथनी सुनाते सुनाते,
दोनों की नींद पता नहीं कहां उड़ गई…!!!

Language: Hindi
1 Like · 224 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
अगर कुछ करना है,तो कर डालो ,वरना शुरू भी मत करना!
अगर कुछ करना है,तो कर डालो ,वरना शुरू भी मत करना!
पूर्वार्थ
■ कड़वा सच...
■ कड़वा सच...
*प्रणय प्रभात*
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
Sanjay ' शून्य'
विलीन
विलीन
sushil sarna
चन्द्रशेखर आज़ाद...
चन्द्रशेखर आज़ाद...
Kavita Chouhan
नया साल
नया साल
विजय कुमार अग्रवाल
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
“ फौजी और उसका किट ” ( संस्मरण-फौजी दर्शन )
DrLakshman Jha Parimal
मैंने मेरे हिसाब से मेरे जीवन में
मैंने मेरे हिसाब से मेरे जीवन में
Sonam Puneet Dubey
*सुख-दुख में जीवन-भर साथी, कहलाते पति-पत्नी हैं【हिंदी गजल/गी
*सुख-दुख में जीवन-भर साथी, कहलाते पति-पत्नी हैं【हिंदी गजल/गी
Ravi Prakash
गीत - इस विरह की वेदना का
गीत - इस विरह की वेदना का
Sukeshini Budhawne
हे कौन वहां अन्तश्चेतना में
हे कौन वहां अन्तश्चेतना में
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
मेरी गोद में सो जाओ
मेरी गोद में सो जाओ
Buddha Prakash
मन
मन
Happy sunshine Soni
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – भातृ वध – 05
असुर सम्राट भक्त प्रह्लाद – भातृ वध – 05
Kirti Aphale
ईगो का विचार ही नहीं
ईगो का विचार ही नहीं
शेखर सिंह
अद्वितीय प्रकृति
अद्वितीय प्रकृति
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
वक़्त के साथ
वक़्त के साथ
Dr fauzia Naseem shad
विषधर
विषधर
आनन्द मिश्र
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
इश्क में हमको नहीं, वो रास आते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/158.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
" मेरी ओकात क्या"
भरत कुमार सोलंकी
गृहिणी (नील पदम् के दोहे)
गृहिणी (नील पदम् के दोहे)
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
माँ
माँ
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
"जलती आग"
Dr. Kishan tandon kranti
सीढ़ियों को दूर से देखने की बजाय नजदीक आकर सीढ़ी पर चढ़ने का
सीढ़ियों को दूर से देखने की बजाय नजदीक आकर सीढ़ी पर चढ़ने का
Paras Nath Jha
श्री राम अमृतधुन भजन
श्री राम अमृतधुन भजन
Khaimsingh Saini
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
ज़िंदगी सौंप दी है यूं हमने तेरे हवाले,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
ऐ मोहब्बत तेरा कर्ज़दार हूं मैं।
Phool gufran
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
Loading...