Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Apr 2024 · 1 min read

“अ अनार से”

“अ अनार से”
‘अ’ अनार से शुरू होती
हिन्दी की पढ़ाई,
फिर आगे बढ़ते जाते बच्चे
टीचर ने समझाई।
लाल रंग का होता है यह
सैकड़ों हैं अन्दर दाने,
बड़े मजे से जो खाए
वो स्वाद का लोहा माने।

3 Likes · 3 Comments · 117 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

शांति चाहिये...? पर वो
शांति चाहिये...? पर वो "READY MADE" नहीं मिलती "बनानी" पड़ती
पूर्वार्थ
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
झुर्री-झुर्री पर लिखा,
sushil sarna
ख़्वाब में हमसे मिल कभी आके ,
ख़्वाब में हमसे मिल कभी आके ,
Dr fauzia Naseem shad
क्या यह कलयुग का आगाज है?
क्या यह कलयुग का आगाज है?
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सकार से नकार तक(प्रवृत्ति)
सकार से नकार तक(प्रवृत्ति)
सोनू हंस
लोकतंत्र के प्रहरी
लोकतंत्र के प्रहरी
Dr Mukesh 'Aseemit'
अन्नदाता किसान
अन्नदाता किसान
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
घनाक्षरी के बारह प्रकार सविस्तार
घनाक्षरी के बारह प्रकार सविस्तार
आचार्य ओम नीरव
..
..
*प्रणय*
बस्ती में अपने हिंदू-मुसलमां जो बस गए इंसान की शक्ल देखने को
बस्ती में अपने हिंदू-मुसलमां जो बस गए इंसान की शक्ल देखने को
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*दिल का आदाब ले जाना*
*दिल का आदाब ले जाना*
sudhir kumar
कतो बैसल छी भंग मतवाला,
कतो बैसल छी भंग मतवाला,
उमा झा
4446.*पूर्णिका*
4446.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्तों में शक
रिश्तों में शक
Sakshi Singh
इमोजी डे
इमोजी डे
Seema gupta,Alwar
निर्गुण
निर्गुण
Shekhar Chandra Mitra
दिल पागल, आँखें दीवानी
दिल पागल, आँखें दीवानी
Pratibha Pandey
*समझौता*
*समझौता*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jai Prakash Srivastav
"" *महात्मा गाँधी* ""
सुनीलानंद महंत
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
रामावतार रामायणसार 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
गंगा
गंगा
MUSKAAN YADAV
एक चंचल,बिंदास सी छवि थी वो
एक चंचल,बिंदास सी छवि थी वो
Vaishaligoel
ब्राह्मण
ब्राह्मण
Sanjay ' शून्य'
संवेदना
संवेदना
Saraswati Bajpai
"समझाइश"
Dr. Kishan tandon kranti
काम ये करिए नित्य,
काम ये करिए नित्य,
Shweta Soni
भुक्त - भोगी
भुक्त - भोगी
Ramswaroop Dinkar
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
हे!जगजीवन,हे जगनायक,
Neelam Sharma
ध्यान मौन तप यम-नियम,
ध्यान मौन तप यम-नियम,
Dr. Sunita Singh
Loading...