Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
0
Notifications
Settings
#19 Trending Author
Dr. Kishan tandon kranti
292 Followers
Follow
Report this post
15 Sep 2024 · 1 min read
“अहसास”
“अहसास”
गर दिल में अहसास न होता,
तू दूर रहके दिल के पास न होता।
Tag:
Quote Writer
Like
Share
2 Likes
·
3 Comments
· 72 Views
Share
Facebook
Twitter
WhatsApp
Copy link to share
Copy
Link copied!
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
पूनम का चाँद (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तस्वीर बदल रही है (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
नवा रद्दा (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
तइहा ल बइहा लेगे (कविता-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
परछाई के रंग (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सबक (लघुकथा-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
सौदा (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
जमीं के सितारे (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
बेहतर दुनिया के लिए (काव्य-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
मेला (कहानी-संग्रह)
Kishan Tandon Kranti
You may also like these posts
छिपी हो जिसमें सजग संवेदना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
Being committed is a choice, it is not merely out of feeling
पूर्वार्थ
अब यह अफवाह कौन फैला रहा कि मुगलों का इतिहास इसलिए हटाया गया
शेखर सिंह
माँ आजा ना - आजा ना आंगन मेरी
Basant Bhagawan Roy
*कुछ कहा न जाए*
Shashi kala vyas
हरीतिमा हरियाली वाली हरी शबनमी घास
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
"बाजार में"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरे मालिक मेरी क़लम को इतनी क़ुव्वत दे
Dr Tabassum Jahan
ना मैं निकला..ना मेरा वक्त कही..!!
Ravi Betulwala
عيشُ عشرت کے مکاں
अरशद रसूल बदायूंनी
बाल दिवस पर बच्चों की विवशता
Ram Krishan Rastogi
दो शे'र - चार मिसरे
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
वो बचपन की अमीरी,
Ranjeet kumar patre
#लंबी_कविता (तवील नज़्म)-
*प्रणय*
शौ गांवों का जमीदार हैं तू ;
Ashwini sharma
मैं हूं न ....@
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
काश तुम आती मेरी ख़्वाबों में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुहब्बत भी करके मिला क्या
डी. के. निवातिया
चंद तहरीरो पर ज़ा या कर दूं किरदार वो नही मेरा
पं अंजू पांडेय अश्रु
"" *रिश्ते* ""
सुनीलानंद महंत
अब क्या किसी से रिश्ता बढ़ाएं हम।
sushil sarna
हालात से लड़ सकूं
Chitra Bisht
If We Are Out Of Any Connecting Language.
Manisha Manjari
"तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ
गुमनाम 'बाबा'
हमें लिखनी थी एक कविता
shabina. Naaz
इस धरा को
surenderpal vaidya
आखिर वो तो जीते हैं जीवन, फिर क्यों नहीं खुश हम जीवन से
gurudeenverma198
इश्क तू जज़्बात तू।
Rj Anand Prajapati
शराब की वज़ह से
Shekhar Chandra Mitra
संघर्ष हमारा जीतेगा,
Shweta Soni
Loading...