“अहमियत”
“अहमियत”
त्याग वहाँ करें,जहाँ उनकी कद्र हो।
दोपहर में दीपक जलाने से
अन्धेरा दूर नहीं होता,
बल्कि उसकी अहमियत कम होती है।
“अहमियत”
त्याग वहाँ करें,जहाँ उनकी कद्र हो।
दोपहर में दीपक जलाने से
अन्धेरा दूर नहीं होता,
बल्कि उसकी अहमियत कम होती है।