Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Jul 2018 · 1 min read

अहंकार

लज़्ज़ता छोड़ निर्लज़्ज़ता ओढ़ी ।
शर्म हया भी रही नही जरा थोड़ी ।
रहे नही शिष्ट आचरण अब कुछ ,
अहंकार की चुनर एक ऐसी ओढ़ी ।
….. विवेक दुबे”निश्चल”@…

Language: Hindi
423 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
👌ग़ज़ल👌
👌ग़ज़ल👌
*Author प्रणय प्रभात*
क्यों मानव मानव को डसता
क्यों मानव मानव को डसता
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
(दम)
(दम)
महेश कुमार (हरियाणवी)
सत्य क्या है ?
सत्य क्या है ?
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
कुछ पैसे बचा कर रखे हैं मैंने,
Vishal babu (vishu)
लगाव
लगाव
Arvina
*सावन आया गा उठे, मौसम मेघ फुहार (कुंडलिया)*
*सावन आया गा उठे, मौसम मेघ फुहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
दोहे- अनुराग
दोहे- अनुराग
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरी चाहत रही..
मेरी चाहत रही..
हिमांशु Kulshrestha
"शिक्षक"
Dr. Kishan tandon kranti
अपनी कमी छुपाए कै,रहे पराया देख
अपनी कमी छुपाए कै,रहे पराया देख
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
पक्की छत
पक्की छत
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर  स्वत कम ह
जब ये मेहसूस हो, दुख समझने वाला कोई है, दुख का भर स्वत कम ह
पूर्वार्थ
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
’बज्जिका’ लोकभाषा पर एक परिचयात्मक आलेख / DR. MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
तीन मुट्ठी तन्दुल
तीन मुट्ठी तन्दुल
कार्तिक नितिन शर्मा
विश्वास मिला जब जीवन से
विश्वास मिला जब जीवन से
TARAN VERMA
वादे खिलाफी भी कर,
वादे खिलाफी भी कर,
Mahender Singh
Teri gunehgar hu mai ,
Teri gunehgar hu mai ,
Sakshi Tripathi
"मैं तुम्हारा रहा"
Lohit Tamta
वक्त कि ये चाल अजब है,
वक्त कि ये चाल अजब है,
SPK Sachin Lodhi
डर
डर
Neeraj Agarwal
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
हंसी आ रही है मुझे,अब खुद की बेबसी पर
Pramila sultan
SHELTER OF LIFE
SHELTER OF LIFE
Awadhesh Kumar Singh
एक तुम्हारे होने से...!!
एक तुम्हारे होने से...!!
Kanchan Khanna
हार जाते हैं
हार जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
बाल कविता: हाथी की दावत
बाल कविता: हाथी की दावत
Rajesh Kumar Arjun
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
कभी-कभी
कभी-कभी
Sûrëkhâ Rãthí
कौन कहता है कि नदी सागर में
कौन कहता है कि नदी सागर में
Anil Mishra Prahari
दुनिया मेरे हिसाब से, छोटी थी
दुनिया मेरे हिसाब से, छोटी थी
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Loading...