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31 May 2023 · 1 min read

अवधी लोकगीत

कउनौ सौतिन से नाही बतियाव बलमा
दिलवा हमहिन से खाली लगाव बलमा
कउनौ०—–

जाड़े म कांपी जौ थर थर बदनवा
साँच मानौ बलमा ई मोरा कहनवा
हमका गर्म रजैया बनाव बलमा
कउनौ सौतिन०——

गर्मिक महीना जौ मने नाहि भावै
जेठ कै दुपहरी जौ तुहका सतावै
ये ही झुलनी के छैंया जुड़ाव बलमा
कउनौ सौतिन०—

झिमिर झिमिर बरसै जौ बरखा बदरिया
छतुरी कै काम नाही प्रीतम सँवरिया
हमरे ओढ़नी के निचवा लुकाव बलमा
कउनौ सौतिन०—

प्रीतम श्रावस्तवी
✍️✍️

Language: Hindi
Tag: गीत
416 Views
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