*यौगिक क्रिया सा ये कवि दल*
💐प्रेम कौतुक-561💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
खुश रहने वाले गांव और गरीबी में खुश रह लेते हैं दुःख का रोना
आदत से इबादत तक हमारा प्यार आ पहुँचा,
अब तो दूर तलक परछाई भी नजर आती नहीं।
#जब से भुले द्वार तुम्हारे
Here's to everyone who suffers in silence.
हर हाल में बढ़ना पथिक का कर्म है।
क़लम इंसाफ़ का कैसा तमाशा कर रही है
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
चाहे हमें तुम कुछ भी समझो
स्वार्थों सहूलियतों के बांध
*** " अलविदा कह गया कोई........!!! " ***