अवतार देखो
भक्ति का ई गजब व्यापार देखो
ढोंगी बाबाओं का अवतार देखो
अभिनय सीख जाओगे मुफ़्त में
टीवी पे हर दिन बस समाचार देखो
एक शब्द भी इधर उधर नहीं होते है
बाबा के भेष में रट्टू कलाकार देखो
जिन हाथ में होना था कलम कॉपी बस्ता
उन हाथ में धर्म जाति जैसे हथियार देखो
बेरोजगारी , भुखमरी शोषण क्या देखते हो
यार हुकुम की दाढ़ी का कभी विस्तार देखो
लिखने लगोगे हर साँस में कविता नई – नई
प्रिया मल्लिक जैसी सोच ओ अलंकार देखो
कुछ नहीं बदला आजादी के बाद भी साहब
उच्च वर्ग का निम्न वर्ग पर अत्याचार देखो
सिर्फ़ ग़ज़लें कह देने से नहीं मिटती भूख कुनु
अब पेट भरने के लिए तुम कोई रोजगार देखो
@कुनु