Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 May 2024 · 1 min read

अर्थ शब्दों के. (कविता)

अर्थ शब्दों के

मैं दिल में दबी हर बात को
यूं कागज़ पर उकेरना चाहती हूं
उकेरना चाहती हूं एहसासों को अपने मगर सोचती हूं फिर
क्या है फायदा क्या है कुछ लिखने का लोग तो सिर्फ
अपनी सोच के अनुसार ही तो समझते हैं इसलिए हर बात को
छोटे से छोटा लिख देता हूं
यही सोचकर की क्या फर्क पड़ता है किसी को
और ना ही मैं परेशान हो सकू ये सोचकर कि मैंने अपने अल्फाजों को
जरूरत से ज्यादा लिख दिया
आखिर लोग जरूरत से ज्यादा समझते भी कहां है
जैसे एक छोटे बच्चों की थाली में
खाना उतना ही रखा जाता है
जितना कि वह बचा पाए
मां को पता होता है कि कितना दिया जाए ताकि खाली थाली में खाना व्यर्थ न जाए बस यूं ही कुछ
नहीं करती मैं अपनों लफ्जों को जाया लिखती हूं सिर्फ उतना ही
जितना कि लोग शायद समझ पाए क्योंकि ज्यादा गहरे शब्दों को भी अनसुना कर दिया जाता है
आखिर कौन पचा पाया है गहरे अर्थों के शब्दों को

मोनिका यादव

Language: Hindi
35 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
हिन्दी दोहा - दया
हिन्दी दोहा - दया
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
छुपा रखा है।
छुपा रखा है।
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
..
..
*प्रणय प्रभात*
कड़वी बात~
कड़वी बात~
दिनेश एल० "जैहिंद"
परिंदा
परिंदा
VINOD CHAUHAN
दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Agarwal
पूस की रात
पूस की रात
Atul "Krishn"
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
मंत्र चंद्रहासोज्जलकारा, शार्दुल वरवाहना ।कात्यायनी शुंभदघां
Harminder Kaur
प्रभात वर्णन
प्रभात वर्णन
Godambari Negi
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
मै अपवाद कवि अभी जीवित हूं
प्रेमदास वसु सुरेखा
मूर्ती माँ तू ममता की
मूर्ती माँ तू ममता की
Basant Bhagawan Roy
" मिलकर एक बनें "
Pushpraj Anant
मैं  नहीं   हो  सका,   आपका  आदतन
मैं नहीं हो सका, आपका आदतन
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
प्यार के काबिल बनाया जाएगा।
प्यार के काबिल बनाया जाएगा।
Neelam Sharma
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
मनुष्य का उद्देश्य केवल मृत्यु होती हैं
शक्ति राव मणि
अमूक दोस्त ।
अमूक दोस्त ।
SATPAL CHAUHAN
सेंगोल की जुबानी आपबिती कहानी ?🌅🇮🇳🕊️💙
सेंगोल की जुबानी आपबिती कहानी ?🌅🇮🇳🕊️💙
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
माफी
माफी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
*मैं बच्चों की तरह हर रोज, सारे काम करता हूँ (हिंदी गजल/गीति
Ravi Prakash
सज़ा तुमको तो मिलेगी
सज़ा तुमको तो मिलेगी
gurudeenverma198
सजि गेल अयोध्या धाम
सजि गेल अयोध्या धाम
मनोज कर्ण
जब मेरा अपना भी अपना नहीं हुआ, तो हम गैरों की शिकायत क्या कर
जब मेरा अपना भी अपना नहीं हुआ, तो हम गैरों की शिकायत क्या कर
Dr. Man Mohan Krishna
नालंदा जब  से  जली, छूट  गयी  सब आस।
नालंदा जब से जली, छूट गयी सब आस।
गुमनाम 'बाबा'
✍️♥️✍️
✍️♥️✍️
Vandna thakur
3295.*पूर्णिका*
3295.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"कवि तो वही"
Dr. Kishan tandon kranti
यदि हर कोई आपसे खुश है,
यदि हर कोई आपसे खुश है,
नेताम आर सी
माँ
माँ
The_dk_poetry
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
आप हमें याद आ गएँ नई ग़ज़ल लेखक विनीत सिंह शायर
Vinit kumar
Loading...