अरे तालिबानियों !कुछ तो खौफ खाओ।
अरे तालिबानियों !अरे आतंकवादियों !
तुम इतनी सारी जगह लेकर क्या करोगे ?
मरने के बाद बस दो गज जमीन ही नसीब होगी तुम्हे,
इतना पैसा और एशो आराम भी यही रह जायेगा,
जब एक कफन और मिट्टी की चादर ओढ़ाएंगे तुम्हें।
तुम यह सोचते हो गर की खुदा इससे खुश होगा ,
झूठ ! सरासर झूठ ! वहम की बीमारी है तुम्हें ।
उसकी औलादों को दुखी करोगे ,
उनकी आजादी छीनोगे ,
क्या माफ कर देगा तुम्हें ?
वो देख रहा तुम्हारे जुल्म और काली करतूतों को ,
वो नहीं बख्शेंगे तुम्हें ।