अयाग हूँ मैं
नशा प्रेम की जो दिल में उतरे,वो अयाग हूँ में
रौशनी बन जो तू छाए मन में ,वो चिराग़ हूँ मैं
तू है तो ये जिंदगी, खूबसूरत सी लगे
तेरे धड़कन में समाया, इनफ़िराग़ हूँ मैं
दिल में बसती साँसों का ,पहला शाम तुम हो
खिलती है धूप जैसे जिंदगी में वो चाग़ हूँ मैं
तुझसे है सजता दिल का साज और संगीत
तेरी शायरी और ग़ज़ल का,अनुराग हूँ मैं
तब्बसुम लिए अधरों में ,समायी मुस्कान तुम
तेरी बातों को सुनके तृप्ति मिले वो राग हूँ मैं
ममता रानी
झारखंड