“अभिलाषा”
“अभिलाषा”
सरल जीवन के श्वेत पन्नों में
हो मानवता की परिभाषा
दुःख-दारिद्र आये ना कभी
हर वो प्रार्थना गाऊँ,
युद्ध की छाया छल की माया
कभी ना मण्डराये
शान्ति का सदा साम्राज्य रहे
मातृभूमि पर वारे जाऊँ।
“अभिलाषा”
सरल जीवन के श्वेत पन्नों में
हो मानवता की परिभाषा
दुःख-दारिद्र आये ना कभी
हर वो प्रार्थना गाऊँ,
युद्ध की छाया छल की माया
कभी ना मण्डराये
शान्ति का सदा साम्राज्य रहे
मातृभूमि पर वारे जाऊँ।