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31 May 2024 · 1 min read

अभिमान करो

नारी तुम अबला नहीं हो , इस बात का अभिमान करो।

अपने धैर्य व संयम को कटार बना, नदी- सी तुम उफान भरो।

नारी तुम अबला नहीं हो, इस बात पर अभिमान करो।

दिखाए कोई जोर अगर तो, न तुम सिहर- सी जाना,

अगर जो पकड़े कोई हाथ तुम्हारा, न तुम चुप रह जाना।

हिम्मत को अपना साथी बनाकर, हर मंजिल को तुम जीतो।

नारी तुम अबला नहीं हो, इस बात पर अभिमान करो।|

आज नहीं जानी जो अपनी कीमत, आखिर कब तुम समझोगी ?

कब तक दूसरों की खातिर, अपनी इच्छाओं को कुचलोगी।

समाज की प्रगति का हिस्सा, अब तुम्हें अपने नाम भी करना है।

नारी तुम अबला नहीं हो, इस बात पर अभिमान करो। |

रणचंडी, महाकाली, दुर्गा, अनगिनत व पूजनीय रूप है नारी के,

देखा जो वीर लक्ष्मीबाई रूप में, खेले उसने खेल कटारी के।

सदियों से महान हैं नारी, सदैव सर्वोच्च ही बनी रहो।

नारी तुम अबला नहीं हो, इस बात पर अभिमान करो।|

तुम्हे भी जीने का अधिकार मिला है, इस जीवन को न व्यर्थ करो,

उठो, चलो और आगे बढ़ो, और नारी जीवन को सार्थक करो।

अब नारी कमजोर नहीं, वह भी समाज की कर्णधार है |

नारी तुम अबला नहीं हो, इस बात पर अभिमान करो।|

अब खत्म करना होगा हमे ,इन अबला व सबला शब्दों को,

जो नारी के अस्तित्व से मेल नहीं खाते |

नर जितनी ही मजबूत है नारी, जो बन जाती मुश्किलें आने पर ढाल |

नारी तुम अबला नहीं हो, इस बात पर अभिमान करो ||

Language: Hindi
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