अब तो आओ न
अब तो आओ न
प्रीतम तुम तो मीत हो प्यारे,
तुम बिन तरसे नैन हमारे।
यूं ही गुजरे सांझ सकारे,
रात और दिन बस बात निहारे।
अब तो आओ ना फागुन बीता जाए
जब से तुम परदेस गए हो,
देश हमारा भूल गए हो।
चिट्टियां न पाती ना कोई साथी,
क्या बाजू क्या दर्द सुनाऊं।
अब तो आओ ना फागुन बीता जाए
कितने मौसम बदल गए हैं,
गर्मी सर्दी गुजर गए हैं।
रिमझिम फुहारे अब ना भावे,
बरखा की रुत आग लगावे।
अब तो आओ ना सावन बीता जाए
तीज की मेहंदी तीज के झूले,
हम संग बरसों से नहीं झूले।
कैसे तुम ये भूल गए हो,
मारू को ढोला बिसरागए हो।
अब तो आओ ना सावन बीता जाए
पहन लहरिया साजन यूं सजूंगी,
कंगना की छन छनसे मोहूंगी।
पायल का जब शोर मचेगा,
कैसे तब तेरा जिया थमेगा।
अब तो आओ ना सावन बीता जाए