अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
अपने सपने कम कम करते ,पल पल देखा इसको बढ़ते
अपना सब कुछ त्याग दिया, उसके ही सब नाम किया
आज दुनिया बदल गई है,उसकी दुनिया कहीं और बसी है।
तन मन जिस पर वार दिया,हर सपना भी कुर्बान किया
अपना सब कुछ भूल गए ,हम किरदार निभा कर भी
आज दुनिया बदल गई है,उसकी दुनिया कहीं और बसी है ।।
जवानी यूं ही बीत गई ,खुशियां सारी रूठ गई
एटीएम बन कर सह गए ,हम यूं ही छले से रह गए
अब बस खुद को समझाते है,दुनिया अपनी बदल गई है
उसकी दुनिया कहीं और बसी है ।।
वो अब कभी ना लौटेगा ,ना फिर से नाता जोड़ेगा
हम इंतजार में रह गए ,सपने सारे डह गए
राह तकते खुद को कहते ,दुनिया अपनी बदल गई है
उसकी दुनिया कहीं और बसी है ।।