-अपने व उनका अपनापन –
– अपने व उनका अपनापन –
अपने कहने को तो अपने होते है,
लेकिन कही -कही किसी के लिए सिर्फ वे सपने होते है,
अपने अपना अपनापन जहा दिखाना होता है वहा नही दिखलाते,
जहा जरूरत नही वहा अपनापन दिखलाते,
व्यर्थ का वे ढोंग रचाते ,
खुदगर्जी में वे रोज नहाते,
मुसीबत में जो तनाव दे जाते,
अवसर आने पर जो घात कर जाते,
दुख में जो हाथ छोड़कर जाते,
सुख में जो दौड़े चले जाते,
बिन बुलाए जो मेहमान बन जाते,
आजकल की दुनिया में भरत वे ही तो अपने कहलाते,
✍️✍️ भरत गहलोत
जालोर राजस्थान
संपर्क सूत्र -7742016184 –